हुमायूं का मकबरा, बिल्कुल अलग अदांज में। वो खाता रहा ठोकरें, जिंदगी भर सुकूं को। ना मिल सका सुकूं, मौत के बाद भी रूह को।। द्वितीय मुगल बादशाह “नासिरूद्दीन मु… byManjeet Chhillar •सितंबर 04, 2015